नवरात्र के दूसरे दिन नवशक्ति के दुसरे स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी का है:

ब्रह्म का अर्थ हैं तप। मां ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली भगवती हैं इसी कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। मां के इस रूप की आराधना से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों वृद्धि होती है।
मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र पहने उनके दाहिने हाथ में अष्टदल कि जप माला एवं बायें हाथ में कमंडल सुशोभित रहता हैं।शक्ति स्वरुपा देवी ने भगवान शिवको प्राप्त करने के लिए 1000 साल तक सिर्फ फल खाकर तपस्या रत रहीं और 3000 साल तक शिव कि तपस्या सिर्फ पेड़ों से गिरी पत्तियां खाकर कि, उनकी इसी कठिन तपस्या के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी नाम से जाना गया।
इस देवी की कथा का सार यह है की जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होना चाहिए माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से शर्व शिधि की प्राप्ति होती है।
जय माँ ब्रह्मचारिणी
apne behan ke liye aaj ka tohfa
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता ए उमीद
तो अब ना हम करेंगे किसी से गिला ना हम
साहिर लुधियान्वी
🙂 badhiya
lo aal ka tohfa behena ke liye
इस तरहा ख़ुशगवार रहा धुप का सफ़र
हर पल तेरे ख्याल का साया लिए रहा
(ख़ुशगवार = रुचिकर, प्रिय, pleasant)
good one, bhaiya aap mujhe aur shayari mail me kardo send at aish_rajput@yahoo.com..id like to read them all if u please.
bahut hai hazarron mail karna muskil hai
nahi just a page only
check your mail
my mail id is ajaytao@gmail.com
thank you
mail mil gaya na
ab bhejunga
milgaya mail. bhaiya..thank u so much..
ab tumhe roz bhejunga
This is such an enchanting image. Beautiful.
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Day 2 Maa Brahmacharani