Day 2 Maa Brahmacharani

ब्रह्म का अर्थ हैं तप। मां ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली भगवती हैं इसी कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। मां के इस रूप की आराधना से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों वृद्धि होती है।
मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र पहने उनके दाहिने हाथ में अष्टदल कि जप माला एवं बायें हाथ में कमंडल सुशोभित रहता हैं।शक्ति स्वरुपा देवी ने भगवान शिवको प्राप्त करने के लिए 1000 साल तक सिर्फ फल खाकर तपस्या रत रहीं और 3000 साल तक शिव कि तपस्या सिर्फ पेड़ों से गिरी पत्तियां खाकर कि, उनकी इसी कठिन तपस्या के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी नाम से जाना गया।
इस देवी की कथा का सार यह है की जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होना चाहिए माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से शर्व शिधि की प्राप्ति…
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