पुछे सखियाँ मेंरी
वह कौन तेरा है
मैं सकूचाउ बोलु
यह श्याम मेरा है
पुछे सखियाँ मेंरी
यह बंसी किसकी है
मैं नयन बंदकर बोलु
धुन इसकी कणॅ में बस्ती है
पुछे सखियाँ मेंरी
यह राधा किसकी है
मैं ईर्षालु होकर कहूं
यह प्रियसी उसकी है
पुछे सखियाँ मेंरी
यह मोर पंख किसका है
मैं लाजभरे मुख से बोलु
रुप यह चित मोह लेता है
पुछे सखियाँ मेंरी
यह श्याम श्याम क्यूँ है
अहंकार से बोलु मैं
वो सब दुख जो हर लेता है
सुन्दर रचना
Thank you so much ☺