अर्ज़ है ..
लबो की यह तमन्ना है ,
की लफ्जों में नहीं रुकना,
यह चाहत है लबो की अब
इन्हें युही नहीं थमना
की यह हकीक़त है सुनने में
लगेगा तुमको अफसाना
मोहब्बत में यूँ ठहरे है
लगे हर तरफ विराना
क्यूँ चाहत में खोये रहते
समझ में यह नहीं आता’
क्यूँ हर बेरंग सी मेहफिल में
सजने लगे कोई तराना
हमे महसूस करना है
यह मन क्यूँ बहकता है
की हर साज़ में यह दिल
जाने क्यूँ महकता है
यह मोहब्बत है मोहब्बत है
या कोई और फ़साना
बिना सोचे या समझे ही
नहीं बनता कोई तराना
खंजर कि क्या मजाल जो ज़ख्म कर सके
ये ख्याल ही है तेरा के घायल हुआ है तू
स्वामी राम
sahi farmaaya.
thank you Swami Ram ki Shayri hai sambjalnl
thode se sher hamari taraf se kubkl pharamaey
izazat kya, aap farmaaye beshak.!
to theek hai zarur bhejenge app ko
aap bhi yaad karogi Shilpi
thank you
haanji bhaiya bilkul yaad karenge, and thank you so much for liking my posts.
Tk cre & Rgds
thank you